डीएवी महिला महाविद्यालय में छात्राओं संग शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी खेली होली



कतरास: 12-03-2025
होली से पूर्व ही होली का रंग लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा है। अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेज में भी होली मनाया जा रहा है। डीएवी महिला महाविद्यालय कतरास में भी बुधवार को इंटर और डिग्री की छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी जमकर होली खेली एवं बच्चों को होली की शुभकामनाएं दी। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुषमा चतुर्वेदी ने बच्चों को बताया कि होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है होली का त्यौहार। सत्य के साथ चलने वाले प्रत्येक जीवों के साथ ईश्वर खड़े रहते हैं। होली पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे। परंतु प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को भगवान नहीं मानता था। वह स्वयं को ही भगवान समझता था। इसी कारण उन्होंने अपने ही संतान को मारने के कई प्रयास किया।
लेकिन भगवान विष्णु के आशीर्वाद से हिरण्यकश्यप के सभी प्रयास असफल हो गए। तब उन्होंने अपनी बहन होलिका से सहयोग मांगा। होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि से जल नहीं सकती थी। इसलिए होलिका अपने भतीजे प्रहलाद को लेकर चिता में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु के आशीर्वाद से चिता समेत होलिका जलकर राख हो गई और प्रहलाद पूरी तरह बच गया। तब से होली मनाने की परंपरा का शुरुआत हुआ। होली खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है। प्राचार्या ने बताया कि जिसकी रक्षा भगवान करता है उसे कोई भी मार नहीं सकता है। मौके पर प्रो० सुषमा चतुर्वेदी, प्रो ज्योति सिन्हा , प्रो मीरा, शोभा सिंह, अमित राय, के के सिंह, दीप पांडेय, नून चंद मंडल, विमला मिश्रा, पी एन सिंह, अपर्णा, नमिता, विक्रम, रंजिता, शंभू, राजू महाविद्यालय के सभी कर्मी व बच्चे उपस्थित थे।

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