निर्भीक पत्रकार कुमार जितेन्द्र जायसवाल का सरगुजा में भव्य स्वागत
अंबिकापुर। पत्रकारिता जगत के निडर और क्रांतिकारी पत्रकार कुमार जितेन्द्र जायसवाल की सरगुजा में भव्य वापसी पर पूरे जिले में हर्षोल्लास का माहौल है। एक साल के वनवास के बाद जब वे अपने गृह जिले लौटे, तो उनके सम्मान में अंबिकापुर में अभिनंदन यात्रा निकाली गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकार, समाजसेवी, युवा और उनके समर्थक उपस्थित रहे।
निडर पत्रकार, जिसने पत्रकारिता को बनाया समाज सेवा का माध्यम
कुमार जितेन्द्र जायसवाल का जन्म छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में हुआ। बचपन से ही वे अन्याय और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ मुखर रहे। उन्होंने अपनी शिक्षा स्थानीय विद्यालयों में पूरी की और आगे चलकर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा।
अपने करियर की शुरुआत से ही वे निष्पक्ष रिपोर्टिंग और जनहित की पत्रकारिता के लिए पहचाने गए। उन्होंने पत्रकारिता को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम बनाया। उनकी निर्भीक लेखनी और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें पत्रकारों के बीच एक प्रेरणा स्रोत बना दिया।
भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाला योद्धा
अपनी पत्रकारिता यात्रा की शुरुआत में ही कुमार जितेन्द्र जायसवाल ने दिखा दिया कि वे किसी भी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने समाज के हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज़ बनने का संकल्प लिया। भ्रष्टाचार, प्रशासनिक लापरवाही और आम जनता की समस्याओं को उजागर करने के लिए उन्होंने अपने लेखों और रिपोर्टिंग के माध्यम से एक मजबूत मंच तैयार किया।
उनकी निर्भीक रिपोर्टिंग ने कई बार उन्हें मुश्किलों में भी डाला। सत्ता पक्ष और प्रभावशाली लोगों की आलोचना करने पर उन्हें धमकियां भी मिलीं, लेकिन उन्होंने कभी पीछे हटने का विचार नहीं किया। सत्य के लिए लड़ने का उनका जज्बा उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।
अभिनंदन यात्रा का भव्य आयोजन
उनके आगमन की खबर सुनते ही पूरे सरगुजा में हर्षोल्लास की लहर दौड़ गई और देखते ही देखते पत्रकारों, युवाओं और उनके चाहने वालों ने रोड शो आयोजित करने की योजना बना ली।
यात्रा कार्यक्रम:
दोपहर 12 बजे यात्रा की शुरुआत शासकीय वेलकम गेट, बिलासपुर रिंग रोड, अंबिकापुर से हुई।
कारवां ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इसके बाद यात्रा गांधी चौक, रिंग रोड, महामाया मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, नवापारा चर्च तक पहुंची।
अंत में यह यात्रा उनके निवास स्थान ग्राम पंचायत डिगमा के लिए रवाना हुई।
सुरक्षा और प्रशासन की व्यवस्था
इस ऐतिहासिक स्वागत समारोह में सिर्फ अंबिकापुर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ से लोग आमंत्रित किए गए थे। बड़ी संख्या में पत्रकार, समाजसेवी और गणमान्य नागरिक इस आयोजन में शामिल हुए।
यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी थी, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो। ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस को तैनात किया गया था।
एक प्रेरणा स्रोत, जो संघर्ष और साहस की मिसाल है
पत्रकारिता के दौरान उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार वे सच की ताकत से विजयी हुए। उनकी यही निडरता उन्हें अन्य पत्रकारों से अलग बनाती है।
वे पत्रकारिता को सिर्फ खबरों तक सीमित नहीं रखते, बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम मानते हैं।
"सत्य की राह पर चलने वाले इस निर्भीक पत्रकार का भव्य स्वागत करने के लिए पूरा सरगुजा एकजुट हुआ!"
तो आइए, हम सब मिलकर इस साहसी, निडर और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार का भव्य स्वागत करें और उनके सम्मान में इस ऐतिहासिक अभिनंदन यात्रा को सफलबनाएं!
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