रक्तदान और समाजसेवा में अग्रणी निलेश मसीह का सराहनीय योगदान
98वीं बार रक्तदान कर मिसाल बने निलेश मसीह
बिलासपुर – समाजसेवा की भावना से प्रेरित निलेश मसीह ने 98वीं बार रक्तदान कर एक मिसाल कायम की है। रक्तदान के प्रति उनके इस समर्पण को देखते हुए उन्हें शहर के सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित भी किया गया।
निलेश मसीह पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से रक्तदान कर रहे हैं। उन्होंने पहली बार 18 वर्ष की आयु में रक्तदान किया था और तब से लगातार इस सेवा कार्य में जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, "रक्तदान एक महादान है, जो जरूरतमंदों की जान बचाने में सहायक होता है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं आगे बढ़कर रक्तदान करता हूं।"
स्थानीय अस्पताल के ब्लड बैंक अधिकारियों के अनुसार, निलेश मसीह अब तक 98 बार रक्तदान कर चुके हैं, जिससे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि नियमित रक्तदान करने से न केवल जरूरतमंदों को मदद मिलती है, बल्कि रक्तदाता भी स्वस्थ रहता है।
उनके इस प्रेरणादायक कार्य को देखते हुए कई युवाओं ने भी रक्तदान करने की इच्छा जताई। समाजसेवी संगठनों ने निलेश मसीह को सम्मानित करते हुए कहा कि उनका यह योगदान दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत है।
निलेश मसीह का लक्ष्य 100 बार रक्तदान पूरा करने का है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भी इस पुनीत कार्य में हिस्सा लें और जरूरतमंदों की मदद करें। उनका यह प्रयास निश्चित रूप से समाज में जागरूकता फैलाने और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने का काम करेगा। नितेश मसीह जीने अपने दोनों आंखों का भी दान कर चुके हैं और हर महीने गरीबों को भोजन भी कराते हैं
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