डिजिटल क्रांति और वेब पोर्टल: समाज में योगदान और सम्मान की चुनौतियाँ

डिजिटल क्रांति और वेब पोर्टल: समाज में योगदान और सम्मान की चुनौतियाँ

POWER NEWS 24 BHARAT डिजिटल युग में इंटरनेट के विस्तार ने सूचना और समाचार के प्रसार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। वेब पोर्टल और यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म समाज को जागरूक करने, सच दिखाने और सूचनाओं को व्यापक स्तर पर साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। चाहे वह स्थानीय समाचार हों, राष्ट्रीय मुद्दे हों या वैश्विक घटनाएँ, डिजिटल मीडिया ने पत्रकारिता को पारंपरिक मीडिया से कहीं अधिक व्यापक और प्रभावी बना दिया है।

वेब पोर्टल और यूट्यूब की भूमिका

1. सूचना का तीव्र प्रसार

वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल किसी भी घटना को तत्काल जनता तक पहुँचाने में सक्षम हैं। पारंपरिक समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की तुलना में ये डिजिटल माध्यम तेज, व्यापक और स्वतंत्र रूप से सूचना प्रसारित करने में सक्षम होते हैं।

2. जनता की आवाज़ बनना

डिजिटल प्लेटफॉर्म आम नागरिकों को अपनी समस्याओं, संघर्षों और विचारों को दुनिया तक पहुँचाने का अवसर देते हैं। लोग अपनी बात खुलकर रख सकते हैं और अपनी शिकायतों को भी प्रशासन तक पहुँचाने का माध्यम पा सकते हैं।

3. निष्पक्ष पत्रकारिता की नई दिशा

मुख्यधारा की मीडिया कई बार आर्थिक और राजनीतिक दबावों में आ जाती है, लेकिन वेब पोर्टल और स्वतंत्र यूट्यूब पत्रकारिता ने निष्पक्ष खबरें देने का मार्ग खोला है। ऐसे पत्रकार समाज की वास्तविक स्थिति को सामने लाने में अधिक स्वतंत्रता और साहस दिखाते हैं।

सम्मान का अभाव और चुनौतियाँ

हालांकि डिजिटल पत्रकारिता समाज के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है, फिर भी कई क्षेत्रों में वेब पोर्टल और यूट्यूब पत्रकारों को उचित सम्मान नहीं मिलता।

1. प्रशासनिक उपेक्षा

कई सरकारी दफ्तरों और प्रशासनिक संस्थानों में वेब पत्रकारों को पारंपरिक मीडिया के पत्रकारों की तरह सम्मान नहीं दिया जाता। कई बार उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज किया जाता है और उनकी रिपोर्टिंग को गंभीरता से नहीं लिया जाता।

2. संपादकों और पत्रकारों के प्रति तुच्छ दृष्टिकोण

कुछ क्षेत्रों में डिजिटल पत्रकारों को अनुभवहीन या अनौपचारिक माना जाता है, जिससे उन्हें विश्वसनीयता स्थापित करने में कठिनाई होती है। उन्हें मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों की तरह सुविधाएँ और सुरक्षा भी नहीं मिलती।

3. सत्ताधारी वर्ग की असहजता

वेब पोर्टल और यूट्यूब पत्रकार अक्सर प्रशासन और राजनीतिक दलों की नीतियों और कार्यशैली पर सीधा सवाल उठाते हैं। इससे कई बार सत्ताधारी वर्ग असहज महसूस करता है और डिजिटल पत्रकारों को हतोत्साहित करने की कोशिश करता है।

4. वित्तीय कठिनाइयाँ

पारंपरिक मीडिया को बड़े कॉर्पोरेट और सरकारों से विज्ञापन मिलते हैं, लेकिन डिजिटल मीडिया के लिए आर्थिक संसाधन जुटाना कठिन होता है। कई स्वतंत्र पत्रकार सीमित संसाधनों में ही जनहित में रिपोर्टिंग जारी रखते हैं।

फिर भी जारी है संघर्ष

बावजूद इसके, वेब पोर्टल और यूट्यूब पत्रकार निडरता के साथ समाज को सच दिखाने का कार्य कर रहे हैं। वे उन मुद्दों को उठाते हैं जिन्हें पारंपरिक मीडिया अक्सर नजरअंदाज कर देता है। वे भ्रष्टाचार, अन्याय और प्रशासनिक लापरवाहियों को उजागर करते हैं, जिससे जनता को जागरूक किया जा सके।

समाज के लिए डिजिटल पत्रकारिता का योगदान अमूल्य है और इसे उचित मान्यता मिलनी चाहिए। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे वेब पत्रकारों को भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही सम्मान दें और उनकी सुरक्षा व अधिकारों की रक्षा करें। डिजिटल क्रांति का युग केवल सूचना का नहीं, बल्कि समानता और न्याय की नई रोशनी लेकर आया है, जिसे हर नागरिक को समर्थन देना चाहिए।

दुलाल मुखर्जी प्रधान संपादक POWER NEWS 24 BHARAT 

 


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