नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: कुप्रबंधन ने ली 18+ जानें, जिम्मेदार कौन....?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी 2025 की रात हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 18 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में 14 महिलाएं, 4 पुरुष और 4 बच्चे शामिल हैं।
हादसे का कारण
प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस भगदड़ के पीछे कई प्रशासनिक लापरवाहियां सामने आई हैं:
1. प्लेटफॉर्म परिवर्तन की अचानक घोषणा – प्रयागराज एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म 14 पर आने की सूचना थी, लेकिन ऐन वक़्त पर इसे प्लेटफॉर्म 12 पर भेजने का ऐलान हुआ। इससे भीड़ में अफरातफरी मच गई।
2. अफवाहों का फैलना – कुछ यात्रियों के बीच ट्रेनों के रद्द होने की अफवाहें फैल गईं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
3. सुरक्षा एवं भीड़ नियंत्रण में लापरवाही – स्टेशन पर भारी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी और रेलवे स्टाफ मौजूद नहीं था, जिससे भगदड़ बेकाबू हो गई।
सरकार और रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे के तुरंत बाद रेलवे प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष समिति इस हादसे की विस्तृत जांच कर रही है। वहीं, रेलवे बोर्ड ने सभी संबंधित अधिकारियों से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने को कहा है।
रेल मंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर घायलों को ₹2.5 लाख और मामूली रूप से घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
भविष्य के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
भीड़ नियंत्रण हेतु नई व्यवस्था: रेलवे प्रशासन ने आगामी महाकुंभ यात्रा के लिए नई दिल्ली से प्रयागराज के बीच चार अतिरिक्त विशेष ट्रेनों की घोषणा की है।
बेहतर सूचना प्रणाली: स्टेशन पर यात्रियों को स्पष्ट और समय पर सूचना देने के लिए नए डिजिटल बोर्ड और अनाउंसमेंट सिस्टम को अपडेट किया जाएगा।
सुरक्षा बलों की तैनाती: स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
क्या इस हादसे से सबक लिया जाएगा?
यह हादसा यह दर्शाता है कि कैसे प्रशासनिक कुप्रबंधन और लापरवाही से निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना रेलवे और सरकार दोनों की प्राथमिकता होनी चाहिए। यह आवश्यक है कि इस त्रासदी की गहराई से जांच हो और भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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