धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ ने श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन की घोषणा की
धनबाद, 18 दिसंबर 2024: धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ जो भारतीय मजदूर संघ और अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ से संबद्ध है, ने श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए गेट मीटिंग और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की घोषणा की है। संघ ने यह निर्णय प्रबंधन के उदासीन रवैये और श्रमिकों की लंबित समस्याओं के समाधान न होने के कारण लिया है।
मुख्य माँगें और समस्याएं:
संघ ने श्रमिकों की समस्याओं और प्रबंधन से संबंधित 43 मुख्य बिंदुओं को उठाया है। इनमें से प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. नियमित वार्ता: श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए संघ के साथ हर महीने नियमित वार्ता का कैलेंडर तय किया जाए।
2. परियोजना सुधार: वेस्ट मोदीडिह परियोजना में पानी निकासी, मशीनों के कार्य घंटों का विस्तार और कोयला उत्पादन में बाधाओं को दूर करने की मांग की गई है।
3. सुरक्षा उपकरण: श्रमिकों को समय पर हेलमेट, जूते, जैकेट, और गैस जाँच उपकरण जैसे मेथेनोमीटर और मल्टी गैस डिटेक्टर उपलब्ध कराए जाएं।
4. पदोन्नति और नियमितीकरण: वर्षों से लंबित श्रमिकों की पदोन्नति और नियमितीकरण को शीघ्रता से लागू किया जाए।
5. बुनियादी सुविधाएं: श्रमिकों के लिए रेस्ट रूम, शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
6. आउटसोर्सिंग परियोजनाओं की जांच: आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा बिजली के अवैध उपयोग और श्रमिकों के साथ भेदभाव को समाप्त करने की मांग की गई है।
7. श्रमिक कल्याण: श्रमिकों की छुट्टियों का समय पर भुगतान, आवास की मरम्मत, और कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
आंदोलन की रूपरेखा:
02 जनवरी 2025: परियोजना कार्यालय और अन्य स्थानों पर गेट मीटिंग आयोजित की जाएगी।
06 जनवरी 2025: एकीकृत केशलपुर वेस्ट मोदीडिह कोलियरी के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू होगा।
संघ का आरोप:
संघ का कहना है कि 18 सितंबर 2024 को प्रबंधन को श्रमिक समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता करने का अनुरोध किया गया था। हालांकि, महीनों बीत जाने के बाद भी प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। संघ ने प्रबंधन पर उदासीनता और श्रमिकों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
अन्य मुद्दे:
- संघ ने यह भी मांग की है कि:
- कोयले में मिट्टी और पत्थर की मिलावट पर रोक लगाई जाए।
- श्रमिकों को उनके श्रम के अनुरूप लाभ और सुविधाएं प्रदान की जाएं।
- कोलियरी स्टोर, वर्कशॉप और मंदिर परिसर की सफाई और मरम्मत कराई जाए।
- आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में 12 घंटे के शिफ्ट को रोकने और श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण किया जाए।
संघ का रुख:
संघ के शाखा सचिव अमरेश चौधरी ने कहा, "प्रबंधन की उदासीनता के कारण श्रमिकों में गहरा रोष है। यदि प्रबंधन ने जल्द ही श्रमिकों की समस्याओं को हल करने के लिए संघ के साथ वार्ता नहीं की, तो औद्योगिक संबंध प्रभावित होंगे। संघ की मांगें श्रमिकों के कल्याण और परियोजना की सुचारु कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक हैं।"
प्रतिलिपि और अधिसूचना:
इस पत्र की प्रतिलिपि बीसीसीएल के प्रबंधन, श्रम मंत्री, कोयला मंत्री, मुख्य श्रमायुक्त, और धनबाद के जिला प्रशासन सहित विभिन्न संबंधित अधिकारियों और दैनिक समाचार पत्रों को भेजी गई है।
धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ ने श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से उठाते हुए आंदोलन की घोषणा की है। यह आंदोलन श्रमिक अधिकारों और परियोजना की सुचारु प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रबंधन इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और समस्याओं का समाधान कैसे होता है।
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