कतरास पुलिस के कार्यशैली के खिलाफ पत्रकार निकालेगा त्राहिमाम यात्रा




पत्रकारों पर हमला मतलब लोकतंत्र पर हमला, लोकतंत्र पर हमला मतलब देश पर हमला- बिजय कुमार झा

कतरास: 29-01-2025
कतरास थाना क्षेत्र अंतर्गत कतरास थाना चौक से लगभग 2 किलोमीटर दूर राहुल चौक में खुलेआम बीच बाजार कोयला माफियाओं के द्वारा एक पत्रकार पर जानलेवा हमला किया जाता है, उसकी गाड़ी में तोड़फोड़ किया जाता है और उसके बाद पत्रकार को अपहरण करने की कोशिश की जाती है। बचाओ बचाओ चिल्लाने के बाद आसपास के लोग दौड़े हुए आते हैं और पत्रकार को बचाते हैं। जिस जगह घटना हुआ वहाँ अक्सर पुलिस की पीसीआर वैन खड़ी रहती है। इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि घटना के वक़्त पुलिस की पीसीआर वैन वहाँ नही थी। पूरी घटना की लिखित शिकायत पीड़ित पत्रकार निकेश पांडेय के द्वारा कतरास थाना में की जाती है। शिकायत पर प्राथमिकी (कांड संख्या- 27/25) भी दर्ज हो जाता है। लेकिन घटना के 7 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। ना तो हमलावरों की गाड़ी पुलिस के पकड़ में आती है और ना ही हमलावर के गिरेबाँ तक पुलिस के हाथ पहुंच पाती है। हालांकि कतरास पुलिस ने हमलावरों के गिरफ्तारी के लिए दो दिन का वक्त मांगा था, लेकिन अब तक आरोपी पुलिस के गिरफ्त से दूर है। ऐसा नहीं है की कतरास पुलिस काबिल नहीं है। दरअसल इस पूरे प्रकरण में कतरास पुलिस की लापरवाही और इच्छा शक्ति की कमी नजर आ रही है। मामले में पुलिस अब तक गम्भीर नही हो पाई है।
     डीएसपी बाघमारा हमला कांड में पुलिस ने जिस प्रकार मुख्य आरोपी कारू यादव सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की, हाथों में बेड़ियां बांधकर सड़कों पर घुमाया, आरोपी के अवैध ठिकाने को नेस्तनाबूद कर दिया और यह साबित किया कि पुलिस यदि चाहे तो बड़े से बड़े गुंडों और अपराधियों की रीढ़ तोड़ने की कुव्वत रखती है। लेकिन यही पुलिस पत्रकार के ऊपर हुए हमले में एकदम सुस्त दिख रही है। पुलिस के इस सुस्ती से पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है। 

इसके विरोध में पत्रकारों ने चरणबद्ध आंदोलन करने की बिगुल फूंक दी है। गुरुवार को प्रेस क्लब कतरास के प्रांगण से कतरास थाना चौक तक पत्रकारों के द्वारा त्राहिमाम पदयात्रा निकाली जाएगी और इसी के साथ चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो जाएगा। इसके बाद 31 जनवरी 2025 को रणधीर वर्मा चौक पर कतरास पुलिस और राजगंज पुलिस का पुतला दहन किया जाएगा तथा 1 फरवरी को कतरास थाना गेट के समीप सुबह 11:00 बजे से रात्रि 9:00 तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 4 फरवरी को सभी पत्रकार गोल्फ ग्राउंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलेंगे और पूरे प्रकरण में कतरास पुलिस की कार्यशैली से मुख्यमंत्री श्री सोरेन को अवगत कराते हुए उन जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन की मांग करेंगे जो पत्रकार हमला कांड प्रकरण में उचित कार्रवाई करने के लिए उत्तरदायी थे लेकिन उन्होंने मामले में कोताही बरती। 
              पुलिस की कार्यशैली पर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि आम जनता के साथ साथ पत्रकारों की सुरक्षा का जिम्मेदारी भी पुलिस पर ही है। पत्रकारों के ऊपर हमला होने का अर्थ है लोकतंत्र पर हमला होना, और लोकतंत्र पर हमला होने का अर्थ है देश पर हमला होना, वहां के नागरिकों पर हमला होना। जिस थाना क्षेत्र में पत्रकार सुरक्षित नही वहाँ आम जनता कितना सुरक्षित होगा, इसका कल्पना किया जा सकता है। इतना बड़ा घटना होने के बावजूद पुलिस के कानों में जूं तक नही रेंग रहा है। धनबाद के वरीय पुलिस अधिकारियों ने भी घटना को गंभीरता से नही लिया है। वरना अपराधी अब तक जेल की रोटियां खा रहा होता। बियाडा के पूर्व अध्यक्ष सह समाजसेवी बिजय कुमार झा ने घटना को अति निन्दनीय बताया और हमलावरों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि हमलावरों का अब तक गिरफ्तार न होना समाज के लिए घातक साबित हो सकता है। यदि अपराधियों के हौसले ऐसे ही बुलंद रहेंगे तो वह दिन दूर नही जब अपराधियों के खिलाफ लिखने या बोलने पर अपराधी लोगों को घर से उठा कर ले जाएंगे और उसकी हत्या कर देंगे। फिलहाल प्रेस क्लब कतरास से कतरास थाना चौक तक निकाले जा रहे गुरुवार के त्राहिमाम पदयात्रा में जिले भर के पत्रकारों का समर्थन मिल रहा है।

Post a Comment

0 Comments