"पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग: छत्तीसगढ़ प्रखर पत्रकार महासंघ ने विधायक सुशांत शुक्ला को सौंपा ज्ञापन"
बिलासपुर: प्रदेश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन छत्तीसगढ़ प्रखर पत्रकार महासंघ ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से मुलाकात की। महासंघ के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकारों पर बढ़ती हिंसा, धमकी और उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और इसके समाधान के लिए ठोस कानून बनाने का आग्रह किया।
पत्रकारों की सुरक्षा पर चर्चा
बैठक में महासंघ ने बताया कि राज्य और देशभर में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे लोकतंत्र की रक्षा में निर्भीक होकर अपनी भूमिका निभा सकें।
विधायक सुशांत शुक्ला का आश्वासन
विधायक ने महासंघ की मांगों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, और उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने इस मुद्दे को राज्य विधानसभा और मुख्यमंत्री के समक्ष प्राथमिकता से उठाने का आश्वासन दिया।
महासंघ की प्रमुख मांगें:
1. पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना:
- पत्रकारों पर हमले को गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए।
- दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
2. फील्ड रिपोर्टिंग के दौरान सुरक्षा:
- पुलिस और प्रशासन की ओर से फील्ड में सुरक्षा प्रदान की जाए।
3. फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना:
- पत्रकारों पर हुए हमलों के मामलों के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट हो।
4. मुआवजा और सहयोग:
- पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक सहायता सुनिश्चित हो।
महासंघ का बयान
महासंघ के पदाधिकारी विनय मिश्रा, पंकज खण्डेलवाल, उमाकांत मिश्रा और राजेंद्र कश्यप ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के बिना उनका कार्य करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं किया गया, तो महासंघ इस अभियान को और तेज करेगा।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विनय मिश्रा, महासचिव पंकज खंडेलवाल, कार्यकारी अध्यक्ष उमाकांत मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारी और पत्रकार उपस्थित रहे।
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