ममता कुलकर्णी बनीं महामंडलेश्वर, अब ममता नंद गिरी के नाम से पहचानी जाएंगी
प्रयागराज के महाकुंभ मेले में 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने सन्यास धारण कर लिया है। इसके साथ ही उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया। अब वे 'महामंडलेश्वर ममता नंद गिरी' के नाम से पहचानी जाएंगी। लंबे समय तक बॉलीवुड में राज करने वाली ममता ने अध्यात्म का मार्ग चुनते हुए आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाया है।
भगवा धारण कर दिखाई दीं ममता
25 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत लौटीं ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान वे पूरी तरह से भगवा रंग में रंगी नजर आईं। ममता ने महाकुंभ में सन्यास ग्रहण करते हुए अपने नए आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की। महाकुंभ में मौजूद साधु-संतों और अनुयायियों ने उनका स्वागत किया।
90 के दशक की सुपरस्टार
ममता कुलकर्णी 90 के दशक की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थीं। उन्होंने 'गैंगस्टर', 'क्रांतिवीर', 'करण अर्जुन', 'चाइना गेट' और 'किला' जैसी हिट फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। अपनी अदाकारी और खूबसूरती के दम पर उन्होंने दर्शकों के दिलों पर राज किया।
अध्यात्म की ओर रुख
फिल्म इंडस्ट्री से दूर होने के बाद ममता ने खुद को अध्यात्म में समर्पित कर दिया। उनके जीवन में आए इस बदलाव के पीछे गहरी आस्था और आत्मिक शांति की तलाश बताई जा रही है। प्रयागराज के महाकुंभ में सन्यास लेने के बाद अब वे समाज सेवा और आध्यात्मिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने की योजना बना रही हैं।
महाकुंभ में बना ऐतिहासिक पल
महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन में एक पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री का सन्यास लेना और महामंडलेश्वर की उपाधि पाना इस आयोजन का एक यादगार पल बन गया। इस घटना ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और ममता के प्रशंसकों को भावुक कर दिया।
ममता कुलकर्णी का यह कदम अध्यात्म की ओर उनके झुकाव और जीवन के नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाता है। अब वे 'महामंडलेश्वर ममता नंद गिरी' के रूप में अध्यात्म की दुनिया में नई पहचान बनाएंगी।
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