तेलीपारा मारपीट कांड: एफआईआर दर्ज न होने पर अधिवक्ताओं ने उठाए सवाल

तेलीपारा मारपीट कांड: एफआईआर दर्ज न होने पर अधिवक्ताओं ने उठाए सवाल

बिलासपुर, छत्तीसगढ़: तेलीपारा में मारपीट के मामले में कोतवाली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने आरोपी किशोर फुटवियर गोदाम संचालक को पकड़ने के बाद बिना कार्रवाई के छोड़ दिया। थानेदार का कहना है कि घायल आवेदक रमेश कुमार शुक्ला एफआईआर दर्ज कराने थाने नहीं आए, इसलिए कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं, विधि विशेषज्ञों का मानना है कि थाने में की गई प्रार्थी की लिखित शिकायत को ही प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) माना जाना चाहिए। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस को शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए।

इस मुद्दे पर जिला न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष मिश्रा, अनुराग बाजपेयी और अधिवक्ता शिवनाथ श्रीवास ने बताया कि सभी ने पुलिस की इस कार्रवाई को न्याय प्रक्रिया के विपरीत बताया।

सुभाष मिश्रा (सीनियर अधिवक्ता) ने कहा कि "लिखित शिकायत एफआईआर के बराबर है। पुलिस को इस पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।"

अनुराग वाजपेयी (सीनियर अधिवक्ता) ने कहा कि "पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए पुलिस का यह रवैया अस्वीकार्य है।"

शिवनाथ श्रीवास (अधिवक्ता) ने कहा कि "यह मामला न्याय प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन है। आरोपी पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।"

घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है, और पीड़ित के समर्थन में न्याय की मांग तेज हो रही है।

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