सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर है पर इलाज नहीं,तैनाती डॉक्टर को मुफ्त में तनख्वा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर है पर इलाज नहीं,तैनाती डॉक्टर को मुफ्त में तनख्वा

रतनपुर/बिलासपुर छत्तीसगढ़: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर पर दंत चिकित्सक तैनात है, पर उपचार के उपकरण नहीं है। वर्किंग डेंटल चेयर खराब पड़ी है। रोजाना दस से 15 दांत के मरीज आते हैं और चिकित्सक उन्हें परामर्श देकर वापस कर देते हैं।गरीब मरीजों को महज 25 किलोमीटर बिलासपुर जाना पड़ता है। मोटी रकम दे कर प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार कराया जा रहा है। नवंबर 2021 में दंत चिकित्सक की ओर से इस मामले में सीएमओ को पत्र लिखकर समाधान कराने की मांग की गई थी, पर कोई हल नहीं निकला।

रतनपुर सीएचसी पर दंत चिकित्सक डॉ.विक्रांत घोरे कई वर्षों से तैनात है। पर इलाज के नाम पर सिर्फ परामर्श ही मिल रहा है। जब इलाज ही नहीं तो डॉक्टर को मुफ्त तनख्वा क्यों?बिलासपुर जिले की सीमा धर्म नगरी न महामाया मंदिर पर स्थित सीएचसी पर आसपास के भारी संख्या में मरीज आते हैं। रोजाना दस से 15 मरीज दांत की समस्या वाले भी आते हैं। पर दंत चिकित्सक होने के बाद भी इन मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा ये कैसा सरकारी तंत्र है प्रतिदिन महज़ 15 - 17 मरिज को देखने के 90 हजार से 1 लाख रुपये प्रति माह तंख्वा ले रहे दांत रोगियों के उपचार के लिए वर्किंग डेंटल चेयर की आवश्यकता होती है। सीएचसी में पुरानी वर्किंग डेंटल चेयर रखी है, पर वह पूरी तरह से खराब है। दांत साफ करने, उखाड़ने सहित 70 से अधिक औजारों की जरूरत होती है। सीएचसी में वह भी नहीं है। दांत की समस्या लेकर आने वाले मरीजों का कोई उपचार नहीं हो रहा है। दंत चिकित्सक भी उन्हें परामर्श देकर वापस कर देते हैं। ऐसे मरीजों को चिकित्सक के द्वारा मजबूरी में बिलासपुर सिम्स सहित सरकारी अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है। जिससे मरीजों का उपचार भी नहीं हो पा रहा है और उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है।मरीजों का कहना जब रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दांतों का इलाज ही नहीं होती तो सरकारी तनख्वा डॉक्टर को मुफ्त में क्यों दिया जा रहा है।लोगो को सिर्फ परामर्श के लिए ही पर्ची कटवा कर लाइन में खड़े कर समय बर्बाद परेशान क्यों किया जा रहा है। 

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