लोयला स्कूल में 8वीं के छात्र की बेरहमी से पिटाई, कान से निकला खून: बच्चों में दहशत, प्रबंधन पर सवाल
बिलासपुर | बिलासपुर के प्रतिष्ठित लोयला स्कूल में एक बार फिर शिक्षक की बेरहमी का मामला सामने आया है। 8वीं कक्षा के छात्र को पीटने के बाद उसके कान से खून बहने लगा। इस घटना से बच्चों में खौफ का माहौल बन गया है।
लोयला स्कूल के आठवीं कक्षा के सेक्शन ‘बी’ में इंग्लिश के शिक्षक सचिन सर बच्चों को पढ़ा रहे थे। इसी दौरान एक छात्र ने पीछे मुड़कर देखा और कुछ बात की। इस पर शिक्षक ने गुस्से में आकर छात्र की इतनी बेरहमी से पिटाई की कि उसके कान से खून निकलने लगा। घायल छात्र को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया।
घटना के समय कक्षा में मौजूद अन्य बच्चे भी इस मंजर से डर गए। पिटाई के बाद कक्षा में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
प्रबंधन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने शिक्षक से माफी मंगवाकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि आरोपी शिक्षक सचिन सर स्कूल के वाइस प्रिंसिपल के रिश्तेदार हैं। प्रबंधन के इस रवैये से अभिभावक आक्रोशित हैं।
स्कूल में बढ़ते घटनाक्रम पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब लोयला स्कूल में ऐसी घटना हुई है। इससे पहले भी कई विवाद सामने आए हैं:
- प्रार्थना के दौरान एक छात्र की पिटाई।
- 8वीं कक्षा के छात्र द्वारा 7वीं के छात्र पर बाथरूम में हमला।
- छात्रों का स्कूल से भागकर अन्य इलाकों में घूमना।
- वार्षिकोत्सव के दौरान छात्रों के बीच मारपीट और हंगामा।
इन घटनाओं ने स्कूल की अनुशासन व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूल में पढ़ने वाले 3,500 से अधिक छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
समाज की बदलती मानसिकता
समाज में पहले शिक्षक की पिटाई को अनुशासन का हिस्सा माना जाता था। लेकिन अब अभिभावक बच्चों के साथ किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं करते। हालांकि पढ़ाई और अनुशासन बनाए रखने के लिए हल्की सख्ती आवश्यक है, लेकिन खून निकलने तक पिटाई करना अस्वीकार्य है। यह शिक्षकों के गुस्से और तनाव को बच्चों पर उतारने का मामला प्रतीत होता है।
प्रबंधन और प्रिंसिपल की चुप्पी
प्रिंसिपल फेव्यानिश मिंज से घटना पर प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया।
विश्लेषण और सवाल
इस तरह की घटनाओं से बच्चों और अभिभावकों में डर और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्कूल प्रबंधन को छात्रों की सुरक्षा और अनुशासन के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। क्या वाइस प्रिंसिपल के रिश्तेदार शिक्षक पर कार्रवाई होगी? और क्या स्कूल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी को समझेगा? यह देखना बाकी है।
शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले स्कूल में इस तरह की घटनाएं न केवल स्कूल की साख को धूमिल करती हैं, बल्कि छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालती हैं। लोयला स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को इस मामले में कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
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