"निष्पक्ष जांच या जनता को गुमराह करने की प्रक्रिया? कोटा निवासी ने जताई चिंता"
कोटा, बिलासपुर: कोटा निवासी रजनी आंवड़े ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि प्रशासन और शासन जनता के लिए होते हैं, ताकि समाज में शांति और व्यवस्था बनी रहे। लेकिन हाल के दिनों में "निष्पक्ष जांच" के नाम पर आम जनता को गुमराह किया जा रहा है, जो एक गंभीर मुद्दा है।
रजनी आंवड़े ने विशेष रूप से 31 दिसंबर को कोटा थाना क्षेत्र में सावित्री देवी के घर में हुए भारी पथराव की घटना का संदर्भ देते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया था, लेकिन महीनों बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस चुप्पी ने पीड़ित परिवार और समाज के अन्य लोगों को निराश किया है।
जनता का भरोसा टूटने का खतरा: उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन निष्पक्ष रूप से काम नहीं करता और आम जन को सही जानकारी नहीं दी जाती, तो जनता का विश्वास पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। यह स्थिति न केवल पीड़ित परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए खतरनाक हो सकती है।
जनता की अपील: आम नागरिकों का सवाल है कि क्या अब भी वे शासन-प्रशासन से उम्मीद करें या अपने अधिकारों के लिए खुद खड़े हों? रजनी आंवड़े ने अपील की है कि शासन-प्रशासन को जनता की तकलीफों का ध्यान रखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्य करना चाहिए।
समाज के लिए बड़ा मुद्दा: यह विषय केवल कोटा तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सोचने का मुद्दा बन गया है। निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग अब पूरे क्षेत्र में जोर पकड़ रही है। जनता ने प्रशासन से अपील की है कि सावित्री देवी के मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य परिवार को इस प्रकार की असुरक्षा और उपेक्षा का सामना न करना पड़े।
यह भी पढ़ें......
0 Comments