बिलासा दाई की धरा पर 11वां दीक्षांत समारोह: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया गौरवान्वित
बिलासपुर: बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में अरपा नदी की गोद में स्थित बिलासा दाई की धरा पर 11वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
समारोह में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, और क्षेत्रीय विधायकों में अमर अग्रवाल (बिलासपुर), धरमलाल कौशिक (बिल्हा), धर्मजीत सिंह ठाकुर (तखतपुर), और सुशांत शुक्ला (बेलतरा) ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया।
विशिष्ट अतिथियों के संबोधन
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "भारत का भविष्य आप सबके हाथों में है। यह आपके ज्ञान, समर्पण और नेतृत्व की क्षमता पर निर्भर करता है कि आप अपने समाज और राष्ट्र को किस दिशा में ले जाते हैं।" उन्होंने सभी स्वर्ण पदक विजेताओं और शोधार्थियों को उनकी कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री अर्जित करना नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़ की माटी ने हमेशा से ज्ञान और प्रतिभा को पोषित किया है। आज के छात्र कल के नेता हैं, और मैं आपसे अपेक्षा करता हूं कि आप इस प्रदेश और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।"
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा, "यह गर्व का क्षण है जब हमारे राज्य के छात्र देश और विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं। आपका समर्पण और मेहनत ही आपकी सफलता की कुंजी है।"
सम्मान और उपलब्धियां
समारोह में कुल 277 स्वर्ण पदक विजेता पीएचडी शोधार्थियों को उनकी उपाधियों से सम्मानित किया गया। इन छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने शोध और ज्ञान के माध्यम से नई ऊंचाइयों को छुआ है।
कुलपति ने समारोह की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, "यह विश्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक बल्कि अनुसंधान के क्षेत्र में भी लगातार नए मानक स्थापित कर रहा है।"
अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, और अन्य विधायकों ने भी छात्रों को बधाई दी और कहा कि यह विश्वविद्यालय क्षेत्र के विकास और शिक्षा के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और समापन
समारोह के दौरान छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं, जिसमें छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। अंत में, उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद दिया और छात्रों को भविष्य में समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प दिलाया।
दीक्षांत समारोह ने न केवल छात्रों और उनके परिवारों को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संदेश दिया।
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