मच्छरों का आतंक: फॉगिंग ठप, लार्वा नियंत्रण फेल, डेंगू-मलेरिया का खतरा

मच्छरों का आतंक: फॉगिंग ठप, लार्वा नियंत्रण फेल, डेंगू-मलेरिया का खतरा


मच्छरों का कहर: फॉगिंग बंद, लार्वा नियंत्रण कागजों तक सीमित, शहर पर डेंगू-मलेरिया का साया
बिलासपुर। शहर में मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, और निगम प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। हर महीने सफाई व्यवस्था पर करोड़ों खर्च होने के बावजूद गंदगी, बजबजाते नाले-नालियां और ठहरे हुए गंदे पानी ने मच्छरों के लिए उपजाऊ माहौल बना दिया है।

फॉगिंग मशीनें डीजल-पेट्रोल बचाने के नाम पर बंद कर दी गई हैं, और लार्वा नियंत्रण के लिए केवल कागजी कार्रवाई चल रही है। नतीजतन, शहरवासियों को मच्छरों से राहत के लिए अपने बजट में मच्छर-रोधी उत्पादों का भारी खर्च जोड़ना पड़ रहा है। फिर भी मच्छरों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।

क्या कह रहे लोग?

शहरवासियों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों और निगम प्रशासन की लापरवाही ने स्थिति को और खराब कर दिया है। "फॉगिंग मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं, और लार्वा छिड़काव के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है," एक नागरिक ने नाराजगी जाहिर की।

जनस्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा

शहर में डेंगू और मलेरिया का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। गंदगी और मच्छरों की बढ़ती संख्या से लोग खुजला-खुजला कर परेशान हैं और प्रशासन को कोस रहे हैं। जनता ने निगम से जल्द प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
क्या कह रहे है लोग आइए सुनते है वीडियो देखे...


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