सरकारी जमीन पर धर्मशाला बनाकर गरीब लोगों से वसूले जाते हैं अधिक किराया
बाघमारा अंचल कार्यालय व अंचलकर्मियों की उदासीनता से बाघमारा में कई जगह सरकारी जमीनों की जमकर लूट हो रही है। लोगों की माने तो सरकारी जमीन की लूट में दबंग भूमाफियाओं को भ्रष्ट अंचलकर्मियों के साथ साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन का भी संरक्षण प्राप्त होता है। इसी कारण पुलिस और अंचल में शिकायत करने के बावजूद भी दबंग भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नही की जाती है। कुछ लोगों ने बताया कि शिकायत करने पर भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय उल्टे शिकायत कर्ता को ही परेशान किया जाता है।
बाघमारा अंचल अंतर्गत कतरास में भी कई भूमाफिया सक्रिय हैं। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लिलोरी मंदिर के आसपास कई जगह सरकारी जमीन में स्थानीय दबंग भूमाफियाओं ने अवैध रूप से पक्का निर्माण कर लिया है। कुछ लोगों ने धर्मशालाएं तो कुछ ने दुकाने खोल दी है। इतना ही नही मंदिर परिसर में आम गरीब लोगों के लाभ के लिए पहले से जो सरकारी धर्मशालाएं बनाई गई थी उसको भी तोड़कर दबंग लोगों ने निजी धर्मशालाएं बना डाला, जिसे शादी विवाह या अन्य अवसर पर आम लोगों को अधिक किराए पर उपलब्ध कराया जाता है। सरकारी जमीन कब्जा करने को लेकर कई बार आपसी विवाद में अंचल कार्यालय व स्थानीय पुलिस के पास मामला पहुँचता है। अंचलकर्मी व पुलिस रेस भी होती है। लेकिन फिर लेनदेन और आपसी समझौता के बाद मामला ठंडा बस्ता में डाल दिया जाता है। अंचल की तरफ से भी कभी इन सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करने की कोशिश नही की जाती है। मंदिर के आसपास के सरकारी जमीनों की लूट को रोकने में मंदिर कमेटी को भी कभी एतराज जताते हुए नही देखा गया। अब देखना है कि अंचल कार्यालय बाघमारा की ओर से सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए पहल की जाती है या नही।
*रिपोर्ट- अरबिन्द सिन्हा*
Post a Comment