न्यायालय से तलाक के बावजूद पूर्व पत्नी द्वारा झूठी शिकायतें, संजय जोशी को बदनाम करने की साजिश

न्यायालय से तलाक के बावजूद पूर्व पत्नी द्वारा झूठी शिकायतें, संजय जोशी को बदनाम करने की साजिश 

17/05/2024 की फोटो (सूत्रों से प्राप्त)

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। 2री वाहिनी छ.स.बल. सकरी बटालियन के प्रधान आरक्षक संजय कुमार जोशी ने अपनी पूर्व पत्नी सरोज जोशी और प्रधान आरक्षक अरुण कुमार कमलवंशी के बीच अनैतिक संबंधों को उजागर करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। संजय जोशी ने बताया कि उनकी पूर्व पत्नी सरोज जोशी ने स्वयं अपने बयान और शपथ पत्र में स्वीकार किया है कि उन्होंने अपनी मर्जी से अपने पति और बेटे को छोड़कर आरक्षक अरुण कुमार कमलवंशी के साथ रह रही है।

मामले की पृष्ठभूमि:

संजय जोशी के अनुसार, यह तथ्य कई प्रमाणों और दस्तावेजों से पुष्टि हो चुका है:

1. शपथ पत्र और सहमति पत्र

2. हस्तलिखित आवेदन और बयान



3. सामाजिक बैठक का निष्कर्ष

4. महिला थाना एवं महिला विरुद्ध अपराध विवेचना शाखा की जांच रिपोर्ट


5. कुटुंब न्यायालय बिलासपुर का जजमेंट ऑर्डर

इन सभी दस्तावेजों ने स्पष्ट कर दिया है कि सरोज जोशी ने अपनी मर्जी से संजय जोशी को छोड़कर अरुण कुमार कमलवंशी के साथ रहने का निर्णय लिया।

प्रमुख बिंदु:

1. अनैतिक संबंध और कृत्य:

सरोज जोशी ने अपने पति और बेटे को छोड़कर अरुण कुमार कमलवंशी के साथ पत्नी के रूप में रह रही है। वहीं, अरुण कुमार की सेवा पुस्तिका में उनकी पत्नी के रूप में पहले से श्रीमती पूर्णिमा कमलवंशी का नाम दर्ज है। इसके बावजूद उनका सरोज जोशी के साथ संबंध न केवल एक गंभीर नैतिक अपराध है बल्कि विभागीय नियमों और सिविल सेवा आचरण का भी स्पष्ट उल्लंघन है।

2. विभागीय अनुशासन का उल्लंघन:

पुलिस विभाग, जो एक अनुशासित बल के रूप में कार्य करता है, उसके सदस्य होने के बावजूद अरुण कुमार कमलवंशी ने सेवा नियमों और सामाजिक मर्यादाओं की अवहेलना की है।

3. झूठे आरोप:

संजय जोशी ने बताया कि जब उन्होंने अपने परिवार की प्रतिष्ठा और भविष्य की रक्षा के लिए कानूनी कदम उठाए, तो अरुण कुमार कमलवंशी और सरोज जोशी द्वारा उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर शिकायतें दर्ज कराई जा रही है।

4. पंचायत और सामाजिक प्रमाण:

ग्राम पंचायत और सतनामी समाज की सामाजिक बैठक, सरोज जोशी के शपथ पत्र और अन्य दस्तावेजों ने इस पूरे प्रकरण की सच्चाई उजागर कर दी है।

संजय जोशी की अपील:

पीड़ित संजय जोशी

संजय जोशी ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में जांच लंबित है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें लगातार विभाग में बुलाया जा रहा है। इससे उनकी शासकीय ड्यूटी पर बाधा उत्पन्न हो रही है और उनके बेटे अर्पण जोशी के भविष्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।

उन्होंने संबंधित विभागों से न्याय की मांग करते हुए कहा कि झूठी शिकायतों पर कार्रवाई न करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रहा हूं, लेकिन मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।" कई बार संजय जोशी पर जानलेवा हमला हो चुका है। थाने से लेकर पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव, छत्तीसगढ़ शासन तक शिकायत पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेरी पूर्व पत्नी और उनके प्रेमी द्वारा लगातार, बिना किसी भय के, मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है।

(इस मामले की जांच जारी है और संजय जोशी ने प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद जताई है।)

 

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