बोकारो स्टील प्लांट: हाईवा ने बाइक सवार को कुचला, ठेका मजदूर सतेंद्र तिवारी की दर्दनाक मौत

बोकारो स्टील प्लांट: हाईवा ने बाइक सवार को कुचला, ठेका मजदूर सतेंद्र तिवारी की दर्दनाक मौत

बोकारो झारखंड। बोकारो स्टील प्लांट के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे में ठेका मजदूर सतेंद्र तिवारी की मौत हो गई। घटना रविवार सुबह की है, जब सतेंद्र तिवारी अपनी बाइक से ड्यूटी पर जा रहे थे। इसी दौरान अंधा मोड़ के पास एक तेज़ रफ्तार हाईवा ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी और उन्हें कुचल दिया। मौके पर ही सतेंद्र की मौत हो गई।

हादसे के बाद मचा हड़कंप

घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने सड़क जाम कर दी और प्रशासन से उचित मुआवजे और दोषी चालक की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

अंधा मोड़ पर लगातार बढ़ रहे हादसे

स्थानीय निवासियों के अनुसार, अंधा मोड़ पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। खराब सड़क संरचना और तेज़ रफ्तार वाहनों की वजह से यह इलाका दुर्घटनाओं का गढ़ बन गया है। लोगों ने प्रशासन से बार-बार अपील की है कि इस मोड़ पर गति सीमा नियंत्रित करने और यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए उपाय किए जाएं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

सतेंद्र तिवारी की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सतेंद्र अपने परिवार के अकेले कमाने वाले सदस्य थे। उनके पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो अब बेसहारा हो गए हैं। परिजनों ने प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस ने हाईवा चालक को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बोकारो प्रशासन ने कहा है कि अंधा मोड़ पर यातायात सुधारने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

स्थानीय लोगों की मांग

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:

1. अंधा मोड़ पर स्पीड ब्रेकर और सिग्नल लगाए जाएं।

2. वाहनों की गति सीमा सुनिश्चित की जाए।

3. दुर्घटना पीड़ितों के परिवारों को तत्काल मुआवजा दिया जाए

4. इस क्षेत्र में नियमित पुलिस गश्त सुनिश्चित हो।

यह हादसा एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और सड़क सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करता है। सतेंद्र तिवारी की मौत केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी।


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