छत्तीसगढ़ में सभी जिलों की पुलिस भर्ती रद्द होने की संभावना

छत्तीसगढ़ में सभी जिलों की पुलिस भर्ती रद्द होने की संभावना

छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद पूरे राज्य में चल रही भर्तियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि जहां भी गड़बड़ी पाई जाएगी, वहां की भर्ती को रद्द कर दिया जाएगा। यह स्थिति राज्य में पुलिस भर्ती की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

क्या है मामला?

छत्तीसगढ़ में 5,967 आरक्षकों की सीधी भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन राजनांदगांव जिले में सामने आई गड़बड़ियों के कारण 528 पदों की भर्ती पहले ही रद्द कर दी गई। अब, अन्य जिलों में भी भर्ती प्रक्रिया की जांच तेज हो गई है। रायपुर में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, "एक भी जुगाड़ वाला सिलेक्शन नहीं होगा। सारी भर्तियों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।"

भ्रष्टाचार का पैटर्न

जांच में सामने आया है कि कुछ अभ्यर्थियों ने अवैध तरीकों से चयन प्रक्रिया में स्थान प्राप्त किया। इसमें परीक्षा प्रक्रिया में धांधली, रिश्वत, और गलत दस्तावेज़ों का इस्तेमाल शामिल है। इस भ्रष्टाचार में न केवल अभ्यर्थी बल्कि कुछ भर्ती एजेंसियां और पुलिसकर्मी भी शामिल पाए गए हैं। इन पर सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है।

गृहमंत्री का बयान

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, "इस पूरी घटना से हमने सीख ली है। अब अन्य जिलों की भर्तियों की भी जांच कराई जाएगी। जहां-जहां गड़बड़ी मिलेगी, वहां की भर्ती रद्द की जाएगी। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना हमारी प्राथमिकता है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन भर्तियों को रद्द किया जाएगा, उनके लिए पुनः अवसर दिया जाएगा ताकि योग्य उम्मीदवार फिर से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।

छत्तीसगढ़ में आरक्षकों की भर्ती रद्द हो सकती है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सभी जगहों पर जांच कराएंगे।

भविष्य की रणनीति

इस मामले को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार अब पूरी भर्ती प्रक्रिया को डिजिटल और निगरानी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए नई तकनीक और सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं। साथ ही, सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ों और परीक्षा प्रक्रिया की बारिकी से जांच की जाएगी।

प्रभावित अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया

भ्रष्टाचार के कारण भर्तियां रद्द होने से हजारों अभ्यर्थी प्रभावित हो सकते हैं। कई उम्मीदवारों ने अपनी मेहनत और समय को बर्बाद होने की बात कही है। वहीं, कुछ ने सरकार के इस कदम को सही ठहराते हुए कहा कि योग्य उम्मीदवारों को ही चयनित होना चाहिए।

छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला न केवल प्रशासनिक तंत्र की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह योग्य उम्मीदवारों के भविष्य पर भी असर डालता है। हालांकि, सरकार की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की कोशिशों से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी।

राजनांदगांव की भर्ती में क्या क्या हुआ?

राजनांदगांव पुलिस भर्ती को CM साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने रद्द किया है। दुर्ग IG दीपक कुमार झा ने जांच के लिए SIT टीम बनाई है। भर्ती में करीब 3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री की गई है। इस मामले में एक अभ्यर्थी, 4 कॉन्‍स्‍टेबल समेत अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

संदिग्धों के वॉट्सऐप और मोबाइल की जांच की जा रही है। भर्ती रद्द होने पर कांग्रेस ने कहा कि जिसने शिकायत की उसे ही जेल में डाल दिया। घपला हुआ है, गड़बड़ी हुई है, युवाओं के हक को बेचा गया है।

अभ्यर्थी, कंपनी और पुलिसकर्मियों पर FIR

गृहमंत्री ने कहा कि गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थी, कंपनी और पुलिसकर्मियों पर FIR है। इस पूरी घटना से एक सीख लेकर ऐसी जांच अन्य स्थानों पर भी कराई जाएगी। एक-एक सिलेक्शन बिल्कुल क्षमता के आधार पर कराया जाएगा।

फिर से मिलेगा मौका, यही कर सकते हैं

गृहमंत्री विजय शर्मा से जब ये पूछा गया कि कुछ लोगों की गलती की वजह से अन्य कैंडिडेट परेशान हो रहे हैं, उनका क्या होगा। जवाब में उन्होंने कहा कि अन्य व्यक्तियों को अवसर मिलेगा, फिर से वह मौका पाएंगे और अपना फिर से प्रदर्शन कर पाएंगे।

इसमें यही रास्ता है। आप मुझे यह कहेंगे कि छांटकर जो चार लोग गलती किए हैं, उन्हें निकाल दो और बाकी सब को ठीक कर दो यह संभव नहीं है। जिन्होंने ठीक प्रदर्शन किया था, उन्हें फिर से अवसर दिया जाएगा।

राजनांदगांव में अनिल रत्नाकर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

आरक्षक अनिल रत्नाकर ने की है खुदकुशी

मामले से जुड़े आरक्षक अनिल रत्नाकर ने 21 दिसंबर को लालबाग थाना इलाके के रामपुर रोड से 1 किलोमीटर अंदर पेड़ पर फांसी लगा ली थी। आरक्षक का नाम अनिल रत्नाकर (25 साल) था। वो खैरागढ़ पुलिस में पदस्थ था और फिजिकल टेस्ट प्रक्रिया की निगरानी में शामिल था।

अनिल सरायपाली बसना का रहने वाला था और उस पर भी भर्ती में लेन-देन के आरोप थे। आरक्षक अनिल रत्नाकर ने हथेली पर सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘आरक्षक भर्ती में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है, अधिकारी को बचाया जा रहा है। इसमें सभी इन्वॉल्व हैं।’

भूपेश बघेल ने आरक्षक के हथेली का वीडियो शेयर किया

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने X पोस्ट पर मृतक आरक्षक अनिल रत्नाकर के हथेली का वीडियो शेयर किया है। CM विष्णुदेव साय को टैग करते हुए बघेल ने लिखा है- कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अधिकारियों को बचाया जा रहा है। भ्रष्टाचार तो हुआ है। अधिकारियों की भूमिका भी है। अब तो उच्चस्तरीय जांच होनी जरूरी है।

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