कतरास: 07-11-2024
उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिना से लगभग 100 मीटर की दूरी पर कूड़ा करकट फेंका जा रहा है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में नाराजगी और आक्रोश व्याप्त है। कूड़ा करकट फेंकने के कारण गंदगी का अंबार लग गया है। बड़े वाहनों के शोरूम, अस्पताल, सैलून एवं भारी मात्रा में घरों का कचड़ा भी यहीं पर फेंका जाने लगा है। जिसके कारण आसपास का माहौल पूरा प्रदूषित हो गया है। आसपास दुर्गंध फैलने लगा है। जिसके कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
घास चरने के लिए जाने वाले मवेशियों के पैरों में अक्सर कांच के टुकड़े आदि चुभ जा रहे हैं। प्लास्टिक पैकेट में कुछ खाद्य सामग्री रहने पर मवेशी प्लास्टिक सहित उसे खा जाते हैं। जिससे बाद में मवेशियों को जान माल की हानि उठानी पड़ती है। मामले को लेकर हरिना बस्ती के सामाजिक कार्यकर्ता विकास रजवार ने हैरानी जताते हुए बताया कि कूड़े कचड़े की डंपिंग कब होती है इसे कोई देख नहीं पाता है। लेकिन कूड़ा कचड़ा की डंपिंग होने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। जिसका असर मनुष्यों और जीव जंतुओं पर पड़ रहा है। जहां कई लोग पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए लगातार मुहिम चला रहे हैं वहीं कुछ लोग दुर्भावना से ग्रस्त होकर घनी आबादी के बीच कूड़ा करकट फेंक कर वातावरण में प्रदूषण का जहर घोलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग की।
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