अधिवक्ता गजेन्द्र ने धनबाद डीसी को ट्वीट कर भाजपा प्रत्याशी पर कार्रवाई की मांग की
धनबाद जिले के अंगारपथरा ओपी क्षेत्र अंतर्गत नदी किनारे सूर्य मंदिर परिसर में राजनीतिक पार्टी के द्वारा राजनीतिक झंडा लगाया गया। हैरानी की बात ये है कि ये सब प्रशासन की उपस्थिति में हुआ। बताते चले कि 16 तारीख को सूर्य मंदिर कतरास कतरी नदी मैदान में भाजपा का विजयी संकल्प सभा का कार्यक्रम आयोजित था। जिसमें भाजपा प्रत्याशी की ओर से असम के सीएम ने शिरकत की थी। इस दौरान पूरा शहर में कई जगह राजनीतिक झंडे और पोस्टर लगाए गए। मंदिर परिसर में राजनीतिक पार्टी के झंडे लगाने को लेकर विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों एवं उनके समर्थकों में उबाल है।
मामले को लेकर कांग्रेस के शौकत खान, अजय महतो एवं विकास महतो ने कहा कि चुनाव आयोग का सख्त आदेश है कि मंदिर, मस्जिद एवं अन्य धार्मिक स्थलों तथा सरकारी पोल खूंटटो पर राजनीतिक पार्टियों के प्रचार प्रसार से संबंधित किसी प्रकार के बैनर, पोस्टर या झंडा नहीं लगाया जाए। यह आचार संहिता का घोर उल्लंघन होगा और आचार संहिता कानून के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी है। इसके बावजूद भी भाजपा के कार्यक्रम में मंदिर परिसर में भाजपा का झण्डा लगाया जाता है। उन्होंने चुनाव आयोग से मामले की निष्पक्षता से जांच करने एवं दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
मामले को लेकर कांग्रेस के शौकत खान, अजय महतो एवं विकास महतो ने कहा कि चुनाव आयोग का सख्त आदेश है कि मंदिर, मस्जिद एवं अन्य धार्मिक स्थलों तथा सरकारी पोल खूंटटो पर राजनीतिक पार्टियों के प्रचार प्रसार से संबंधित किसी प्रकार के बैनर, पोस्टर या झंडा नहीं लगाया जाए। यह आचार संहिता का घोर उल्लंघन होगा और आचार संहिता कानून के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी है। इसके बावजूद भी भाजपा के कार्यक्रम में मंदिर परिसर में भाजपा का झण्डा लगाया जाता है। उन्होंने चुनाव आयोग से मामले की निष्पक्षता से जांच करने एवं दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
अधिवक्ता गजेन्द्र ने धनबाद डीसी को ट्वीट कर भाजपा प्रत्याशी पर कार्रवाई की मांग की
वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रोहित यादव के समर्थक अधिवक्ता गजेंद्र कुमार ने मंदिर में लगाये गए झंडे वाली कुछ तस्वीरों को संलग्न करते हुए उपायुक्त धनबाद को ट्वीट किया है। ट्वीट करते हुए उन्होंने धनबाद उपायुक्त से बाघमारा सीओ द्वारा भाजपा प्रत्याशी पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। कहा कि मेरे एक फेसबुक पोस्ट पर अंचलाधिकारी बाघमारा ने बिना सच जाने रोहित यादव को नोटिस थमा दिया। उन्होंने प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस एवं जिला पुलिस की उपस्थिति में यह कार्यक्रम किया गया। मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी जांच होनी चाहिए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन ने ये सब करने कैसे दिया जबकि प्रशासन की ही जिम्मेदारी है कि वे सभी से आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करवाएं।
Post a Comment