हार का तिलिस्म तोड़ पाएंगे जलेश्वर या फिर बनेंगे चौकर्स?



कतरास: 12-11-2024
बाघमारा विधानसभा से लगातार तीन बार ढुलु महतो के हाथों हार का मुंह देखने वाले पूर्व मंत्री सह बाघमारा से कांग्रेस प्रत्याशी जलेश्वर महतो के लिए इस बार का सफर भी आसान नही दिख रहा है। पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो पिछले तीन बार से लगातार अपने जीत के लिए जाल बिछा रहे हैं लेकिन हर बार कोई ना कोई उनकी जाल काट ले जाता है। राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बार जाल काटने में कोई और नही बल्कि पूर्व कांग्रेस नेता रोहित यादव लगे हुए हैं। हालांकि यह स्पष्ट तौर पर नही कहा जा सकता है कि रोहित यादव किसी के जाल काटने में लगे हैं या फिर दूसरे के धागे से अपने जीत के लिए जाल बुन रहे हैं। बता दे कि टिकट की आस में राजद छोड़कर कॉंग्रेस जॉइन करने वाले रोहित यादव का टिकट कटने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों के कहने पर बागी बनने का फैसला कर लिया और निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनावी मैदान में बैटिंग करने उतर गए। जानकारों की माने तो यादव जी बैटिंग भी इतनी ताबड़तोड़ कर रहे हैं कि विरोधी टीम की नींद हराम कर दिए हैं। कांग्रेस के कई खिलाड़ी भी रोहित यादव की तरफ से बैटिंग और फील्डिंग करने में लगे हुए हैं जिससे कांग्रेस को नुकसान होना तय माना जा रहा है। पिछले दिनों जिला कांग्रेस प्रवक्ता जावेद रजा, जिला कांग्रेस कमेटी सचिव रामबचन पासवान, कांग्रेस जिला सचिव श्री रविन्द्र नाथ पाण्डेय आदि जैसे कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी रोहित यादव को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस के बागी बने सभी पदाधिकारी रोहित यादव के पक्ष में धुँआधार प्रचार प्रसार करते हुए भी देखें जा रहे हैं। दूसरी ओर जलेश्वर महतो से नाराज समर्थक भी रोहित यादव के टीम में फील्डिंग करते हुए देखे जा रहे हैं.
                          जलेश्वर महतो के लिए मुसीबत यह भी है कि उनके ऊपर क्षेत्र से गायब रहने का आरोप भी लगता रहा है. लोगों का कहना है कि चुनाव हारने के बाद वे साढ़े चार साल तक एकांतवास में चले जाते हैं. जब चुनाव नजदीक आता है तब फिर से क्षेत्र में ऐसे दिखने लगते हैं जैसे बरसात में बादल दिखते हैं. विश्वसनीय सूत्रों से यह भी पता चला है कि 1 वर्ष पूर्व कतरास छाताबाद में टोटो से बैटरी का चार्जर चोरी मामले में हुए हिंसक झड़प में सामाजिक तौर पर अपनी भूमिका नही निभाने को लेकर जलेश्वर महतो से छाताबाद के लोग खासे नाराज बताए जा रहे हैं। जिसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है। आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस पार्टी पिछले 24 साल से बाघमारा में वापसी करने का लंबा इंतजार कर रही है। कांग्रेस प्रत्याशी ओपी लाल के वर्ष 2000 में हारने के बाद से अब तक कांग्रेस पार्टी बाघमारा में कभी वापसी नही कर पाई है। लेकिन इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि ढुलु महतो के हाथों लगातार तीन बार मात खाने वाले जलेश्वर महतो इस बार अपनी हार का तिलिस्म तोड़ पाने में कामयाब हो पाते हैं या फिर से चौकर्स बनेंगे।(जारी...)

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