विभागीय आदेश के बाद भी कतरास कॉलेज के प्राचार्य ने प्रज्ञा केन्द्र खोलने की अनुमति नही दी, कहा दबाब में हूँ


प्रज्ञा केंद्र संचालक लक्ष्मण ने प्रिंसिपल पर 50 हजार मांगने का आरोप लगाया

कतरास: 22-10-2024

विभागीय आदेश मिलने के बावजूद लगभग डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी कतरास कॉलेज में कॉमन सर्विस सेंटर के लिए रूम उपलब्ध नहीं कराया गया है. प्रज्ञा केंद्र संचालक लक्ष्मण कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कॉलेज कैम्पस में रूम उपलब्ध कराने एवं प्रज्ञा केंद्र चलाने को लेकर कतरास कॉलेज कतरास के प्रिंसिपल के द्वारा मुझसे 50 हजार रुपया मांगा जा रहा है. लक्ष्मण ने बताया कि 15 जून 2023 को कतरास कॉलेज में प्रज्ञा केंद्र खोलने का अनुमति विभाग से लिया जिसका सीएससी आईडी सँख्या- 713526660015 है. उसके बाद कतरास कॉलेज के प्रिंसिपल ने मुझे एक कमरा उपलब्ध कराया और उसकी चाबी दी. मैंने कमरे का रंग रोधन करवाया एवं इक्विपमेंट में लगभग ढाई लाख इन्वेस्ट किया. लेकिन उद्घाटन से पहले ही प्रिंसिपल के द्वारा मुझसे चाबी ले ली गई जो अब तक नही दी गई है. आरोप लगाते हुए कहा कि जब इस संबंध में प्रिंसिपल से बात किया कि मुझसे चाबी क्यों ले लिया गया है तो उन्होंने मुझसे 50 हजार रुपये की मांग की. मैंने देने में असमर्थता जताई तो उन्होंने मुझे चाबी देने से इनकार कर दिया. छात्र नेता शुभम हजारी ने भी प्राचार्य पर इस मामले में कई आरोप लगाए. कहा कि सीएससी सेंटर खुलने से कतरास कॉलेज प्रबंधन को अवैध कमाई बंद हो जाएगा.
बहुत दबाब में हूँ, लेकिन 50 हजार मांगने का आरोप पूर्णतः गलत है- डॉ० बीरेंद्र कुमार(प्राचार्य)                               
इस संबंध में कतरास कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र कुमार ने बताया कि 50 हजार रुपए मांगने का जो आरोप मुझ पर लगाया गया है वह सरासर गलत है. उन्होंने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि लक्ष्मण कुमार को विभाग द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर खोलने का अनुमति मिला है मैंने उसे कैमरा भी उपलब्ध कराया था तथा चाबी भी दी थी. लेकिन किसी के दबाव के कारण मुझे चाबी वापस लेना पड़ा. मैं जल्द ही अगले से बातचीत करके लक्ष्मण को रूम का चाबी सौंपने का प्रयास करूंगा. जब प्राचार्य से पूछा गया कि किन से बातचीत करेंगे और आपके ऊपर किसी का दबाव है जिसके कारण चाबी वापस लेना पड़ा, तो उन्होंने कहा कि दबाव है लेकिन किसका दबाब है इस बात का खुलासा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने मामले का निष्पादन करने के लिए 28 अक्टूबर तक का समय मांगा है.

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